इसके पहले मंत्री ने पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी, मनिका के विधायक चेरो रामचंद्र सिंह, मेदिनीनगर विधायक आलोक चौरसिया के साथ मेला आयोजन समिति के प्रमंडलीय अध्यक्ष अर्जुन सिंह के साथ संयुक्त रूप दीप प्रज्वलित कर मेला का उद्घाटन किया। कोविड-19 को देखते हुए जहां जिला प्रशासन मेला आयोजन करने से मना कर दिया था।
इन अतिथियों के साथ सैकड़ों लोगों ने राजा मेदनी राय के आदम कद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। वही राजा मेदनी राय मेला आयोजन समिति के सदस्यों के द्वारा बड़ा माला पहनाकर स्वागत किया गया।
मंत्री ने कहा कि सरकार और प्रशासन की बाध्यता होती है। मेला 26 वर्षों से राजा मेदिनी राय जी की याद में लगते आ रहा है। देश के भाजपा शासित राज्यों में कुंभ मेला का आयोजन हो सकता है। भाजपा के नेता बड़ी-बड़ी रैलिया कर सकते हैं। आदिवासी भाई अपने संस्कृति और विरासत को सीखने वाले राजा मेदनी राय के याद में मेला लगाते हैं। उनसे यह हक कैसे छीन सकते है। उन्होंने मेला आयोजन समिति के सदस्यों को मेला बंदोबस्ती का पट्टा भी सौंपा।
मंत्री ने आगे कहा कि झारखंड के सीएम के पिता शिबू सोरेन जी राजा मेदनीराय के पद चिन्हों पर चलते हुए झारखंड बनाया है। सीएम में काम करने की क्षमता है। फ्लोराइड प्रभावित गांव चुकरू में शुद्ध जलापूर्ति 2024 तक पूर्ण कराने की योजना है। सरना धर्म कोड को झारखंड सरकार ने पारित कराकर केंद्र सरकार को भेज दिया इस धर्मकोड के लिए सरकार हर मोर्चे पर लड़ेगी। उन्होंने पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी का गुणगान करते हुए कहा कि उनका हमेशा सरोकार जनता से रहा है। श्री नामधारी जी झारखंड के धरोहर है उन्हें जनता ने छह बार आशीर्वाद दिया । अभी भी उन्हें राजनीति में रहना चाहिए सन्यास लेना समस्या का समाधान नहीं है।
राजा मेदिनीराय का गुणगान सर्वत्र समाज करता है
पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी ने कहा कि राजा मेदनी राय का गुणगान सर्वत्र समाज करता है। वे हमारे प्रेरणा स्रोत है और रहेंगे। उन्होंने कहा कि यहां के आदिवासी समाज की स्थिति ठीक नहीं थी। जात धर्म से ऊपर उठकर मैंने समाज बनाने की बात की। राजा मेदनी राय मेरे पथ प्रदर्शक है उनके जमाने में घर घर दूध दही की मथानिया बजती थीं। प्रजा सर्वत्र सुखी और प्रसनजीत रहते थे। उन्होंने राजस्व मेला बनाने की वकालत भी माननीय सीएम और उनके प्रतिनिधि मंत्री से की।
राजा मेदिनी राय राज्य के धरोहरों में शामिल हैं
मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा है कि आदिवासियों के नायक राजा मेदनी राय का गुणगान प्रत्येक समाज में किया जाता है वे राज्य के धरोहरों में शामिल है। उनके बताए गए मार्ग पर चलने से राज्य में खुशहाली आएगी प्रत्येक लोगों के चेहरे पर मुस्कान होगा। झारखंड की समस्या पलायन से निजात कांग्रेसी और झामुमो गठबंधन के सरकार से संभव है।
धन्य है यह धरती जहां मैंने जन्म लिया
मेदिनीनगर के विधायक आलोक चौरसिया ने कहा कि धन्य है यह पलामू की धरती जहां हमने जन्म लिया है। चेरो वंशी शासकों के साथ यहां के प्रख्यात राजा मेदिनी राय का गुणगान होता है। ऐसे धरती पर जन्म लेने का अधिकार और सम्मान मुझे है। यहां के लोगों ने मुझ पर विश्वास करके दो बार प्रतिनिधि बनने का मौका दिया है।
सैकड़ों लोगों ने किया माल्यार्पण
राजा मेदनी राय के आदम कद प्रतिमा पर सैकड़ों लोगों ने माल्यार्पण किया। जिसमें आदिवासी समाज के त्रिपुरारी सिंह, सत्येंद्र सिंह चेरो, राजेंद्र सिंह चेरो, अवधेश सिंह चेरो, आशीष सिन्हा, झामुमो जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिन्हा, संजीव तिवारी, अजय उरांव, महेश यादव, राणा प्रताप कुशवाहा, आशुतोष सिंह, हदया सिंह, सुरेंद्र सिंह, सरजा पंचायत के मुखिया आनंद कुमार, भरदूल सिंह, ओंकार नाथ जायसवाल, विजय पाठक, चेरो शीतल सिंह निराला, झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे, प्रमोद सिंह, मुक्तेश्वर पांडे, श्यामदेव सिंह उर्फ नागा बाबा, बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी, प्रेम सिंह आदि का नाम शामिल है।
मेला में सक्रिय रही पुलिस और प्रशासन
दुबियाखांड आदिवासी कुंभ मेला में पुलिस और प्रशासन के लोग काफी सक्रिय रहे। दो दिवसीय 11 -12 फरवरी को लगने वाले इस मेला में सदर एसडीओ अजय बढ़ाईक के साथ सदर मेदिनीनगर , लातेहार के बरवाडीह पुलिस और सतबरवा थाना क्षेत्र के सैकड़ों महिला और पुलिस बल के जवान तैनात रहे। पुलिस निरीक्षक के अलावे सतबरवा थाना प्रभारी इंद्रदेव राम, एसआई विजय रमानी , एएसआई कर्मपाल नाग के साथ कई जवान मौजूद थे। वही अद्दि कुडूख सरना समाज की महिलाओं के द्वारा अतिथियों पर फूलों की बारिश की गई । समाज के सैकड़ों लोगों ने मांदर की थाप पर इन लोगों का स्वागत किया। इस अवसर पर चेरो समाज के गणेश सिंह चेरो, मनोज सिंह, डॉ रविंद्र सिंह, कलावती देवी आशुतोष सिंह चेरो आदि के द्वारा विधि व्यवस्था बनाते देखा गया। युवा सामाजिक कार्यकर्ता उप कोषाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह चेरो ने बताया कि इस वर्ष के मेला में अप्रत्याशित भीड़ रही। हजारों लोगों ने राजा मेदनी राय के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया है।