पलामूः नक्सलियों के खिलाफ अभियान में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने 10 लाख की इनामी माओवादी जोनल कमांडर सीताराम रजवार उर्फ रमनजी को गिरफ्तार किया है. हालांकि पुलिस की कोई भी अधिकारी इस पर बोलने से इनकार कर रहे हैं.
पुलिस सूत्रों के अनुसार सीताराम रजवार से पुलिस की स्पेशल टीम पूछताछ कर रही है. जबकि सीताराम रजवार के पकड़े जाने के बाद नक्सलियों खिलाफ सर्च अभियान शुरू किया गया है. सीताराम रजवार बिहार के औरंगाबाद के नबीनगर में एनटीपीसी थाना क्षेत्र का रहने वाला है और दो दशक से भी अधिक समय से प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में सक्रिय था. सीताराम रजवार बिहार और झारखंड में 25 से अधिक जवानों के शहीद होने की घटनाओं में शामिल रहा है.
एके 56 रखता था सीताराम रजवार
सीताराम रजवार हर पल अपने साथ एके 56 रखता था. माओवादी में वह एक दस्ता सदस्य के रूप में शामिल हुआ था और अपने कार्य को बदौलत वह जोनल कमांडर बन गया. सीताराम रजवार पर झारखंड और बिहार में 70 सभी अधिक बड़े नक्सली हमले को अंजाम देने का आरोप है. सीताराम रजवार झारखंड-बिहार सीमा पर पलामू, गया औरंगाबाद में माओवादियों का तीसरा सबसे बड़ा कमांडर था.
70 से अधिक बड़े हमलों का आरोपी
2015-16 में पलामू के काला पहाड़ की इलाके में लैंड माइंस विस्फोट में पुलिस के सात जवान शहीद हुए थे. इस घटना का सीताराम रजवार आरोपी है. 2016-17 में बिहार के गया और औरंगाबाद सीमावर्ती क्षेत्र में सीताराम रजवार नक्सली हमले में शामिल था. इस हमले में कोबरा के 10 जवान शहीद हुए थे. बिहार के औरंगाबाद थाना क्षेत्र के माली के इलाके में हुए नक्सली हमले में पुलिस के 6 जवान शहीद हुए, इस घटना का सीताराम रजवार मुख्य आरोपी में से एक है. 2013-14 में पलामू के विश्रामपुर थाना क्षेत्र में माओवादी और टीएसपीसी के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में टीएसपीसी के 15 सदस्य मारे गए थे. इस घटना का भी आरोपी सीताराम रविवार को बताया जाता है. हाल दिनों में पलामू के महूदण्ड समेत कई इलाकों में लेवी के लिए हिंसक घटना हुई है, इस घटना में सीताराम रजवार के शामिल होने का आरोप है.