पलामू मुठभेड़ : TPC का दावा, जवानों की मौत उनकी गोली से नहीं, पुलिस के आपसी विवाद के कारण हुई

पलामू:- पलामू जिले के मनातू में हुई पुलिस-टीपीसी मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मियों के शहीद के बाद टीपीसी (तृतीय प्रस्तुति कमेटी) ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. इस विज्ञप्ति में संगठन के सचिव रणविजय ने दावा किया है कि पुलिसकर्मियों की मौत टीपीसी की गोली से नहीं, बल्कि पुलिस के आपसी विवाद के कारण हुई है.
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पुलिसकर्मियों की मौत पुलिस की आपसी दुश्मनी के चलते हुई है. टीपीसी ने कहा है कि एक पुलिसकर्मी ने अपने ही साथियों को करीब 20 फीट की दूरी से नौ गोलियां मारीं.

टीपीसी ने इस घटना की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है. साथ ही गोलीबारी की जानकारी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की भी फिर से जांच करने की बात कही है. उनका मानना है कि इससे सच्चाई सामने आ जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा.


मुठभेड़ के दौरान उनके साथी शशिकांत घटनास्थल से बहुत दूर थे

संगठन ने यह भी दावा किया है कि मुठभेड़ के दौरान उनके साथी शशिकांत घटनास्थल से बहुत दूर थे. जबकि जवान को 20 फीट की दूरी से गोली लगी है. वह भी 9 गोलियां मारी गई. बयान के मुताबिक शशिकांत के घर को सुबह 4.00 बजे से रात के 12 बजे तक झारखंड जगुआर के जवान घेर कर बैठी थी और रात में जिला पुलिस के जवान पहुंचते हैं, तब घटना हो जाती है. इन्हीं तर्कों के साथ टीपीसी ने इस घटना को एक साजिश बताते हुए कहा है कि इसमें पलामू के आईजी, एसपी और डीएसपी जैसे वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है.

टीपीसी ने अभियान में शामिल सभी पुलिसकर्मियों से अपील की है कि वे संतन मेहता और सुनील राम के हत्यारों को बेनकाब करें. विज्ञप्ति में बताया गया है कि टीपीसी की लड़ाई झारखंड के आदिवासियों, गैर-आदिवासियों या पुलिस से नहीं है. उनका संघर्ष महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, जमींदारी और भ्रष्ट पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ है.


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