कानून संगत करना है पीएलभी का काम : मोहिनी श्रीवास्तव
पारा लीगल वॉलिंटियर्स के ओरिएंटेशन व ट्रेनिंग कार्यक्रम तीसरे दिन जारी।
पलामू/मेदिनीनगर : पारा लीगल वॉलिंटियर्स गरीबों व जरूरतमंदों की मदद करेंगे। चोरी में मात्र 3 साल की सजा होती है। लेकिन कोई अभियुक्त 4 वर्षों से जेल में बंद है। ऐसे अभियुक्तों को गांव में पता करें। ऐसे अभियुक्तों को जेल से बाहर निकालने में मदद करनी होगी। उक्त बातें परमानेंट लोक अदालत के अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता ने कही। वे शुक्रवार को जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में डालसा के नेतृत्व में नव चयनित 155 पारा लीगल वॉलिंटियर्स के ओरिएंटेशन व ट्रेनिंग कार्यक्रम के तीसरे दिन बतौर रिसोर्स पर्सन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पारा लीगल वॉलिंटियर्स के ओरिएंटेशन व कार्य- कर्तव्य के बारे में पूरी जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अर्पित श्रीवास्तव ने किया। अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि अस्पताल में रोगियों को प्रॉपर सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसे में पीएलभी हॉस्पिटल के पदाधिकारी से मिलकर सुविधा उपलब्ध कराने का काम करेंगे। कहा कि किसी तरह का मामला हो तो लोक अदालत में लाएं । दूसरे पक्ष को नोटिस कर बुलाएंगे। दोनों को एक साथ बैठाकर समस्या का हल करेंगे। अगर सही बातों को अगला पक्ष नहीं मानेगा तो कानूनी रूप से फैसला मिलेगा। कहा कि कोई व्यक्ति बैंक से 50 हजार रुपए का ऋण लिया हो। लेकिन बढ़ते- बढ़ते ब्याज सहित वह 5 लाख रुपए हो जाएं। ऐसे में बैंक गलत तरीके से ऋण राशि लौटाने के हथकंडे अपनाने लगे तो पीएलभी उस मामले का भी लोक अदालत के माध्यम से हल निकलवा सकते हैं। दोनों पक्षों को बैठाकर बारगेनिंग किया जाएगा कि वह कितनी राशि देने में सक्षम होता है। कहा कि पीएलभी समाज का सबसे बड़ा व अधिकृत अंग है। ऐसे में पीएलभी को अपनी गरिमा अक्षुण रखनी होगी। आचरण अच्छा बनाकर रखना होगा। पीएलभी हजारों अभ्यर्थियों में चुनकर आए हैं। ईश्वर ने सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए पीएलभी का बेहतर प्लेटफार्म दिया है। यह सोचकर ईमानदारी से गरीबों की मदद करनी है। कहा कि कोई भी डॉक्यूमेंट को रजिस्टार के यहां स्टांप पेपर पर रजिस्टर्ड कराना जरूरी होता है। चाहे वह क्यों ना जमीन का मामला हो या फिर मैरिज की। एफिडेविट कदापि समाधान नहीं है। कहा कि किसी व्यक्ति के हाथों एफिडेविट के माध्यम से मोटरसाइकिल बिक्री कर दिया गया । लेकिन वह वैलिड नहीं है। एक्सीडेंट होने पर मूल मालिक की गिरफ्तारी होगी। क्योंकि उसका नामांतरण नहीं हो पाया है। कहा कि जब भी किसी पीड़ित का पीएलभी आवेदन लिखने लगे तो घटना कब, कहां, क्यों, कैसे हुई इसे ध्यान में रखकर उसका उल्लेख करेंगे। मौके पर परमानेंट लोक अदालत के सदस्या महिमा श्रीवास्तव ने कहा कि किसी की कोई भी समस्या हो तो उसे आईडेंटिफाई करें । नहीं समझ में आए तो फोन से संपर्क करें। जरुर मदद मिलेगी। पीएलभी देखेंगे कि कहीं कोई बाल विवाह तो नहीं हो रहा है। कोई बालक कहीं काम तो नहीं कर रहा है। कहां की पीएलभी को कानून संगत कार्य करना है। कहीं भी जाएं तो डॉक्यूमेंटेशन जरूर कर लें। मौके पर एल ए डी सी के डिप्टी चीफ संतोष कुमार पांडेय, डालसा के कार्यालय प्रमुख संजीव कुमार सिंह, नव चयनित पीएलभी प्रमोद शुक्ला, महेंद्र नाथ सिंह, चंद्रदेव प्रजापति, संध्या कुमारी, संजय सिंह, उर्मिला मिश्रा, अनिता मिंज, मुकेश मुंडा, सुखाड़ि मिंज, सूचित कुमार , ऋषि कुमार, बसंती देवी, शैल शिखा, नीकु पाठक, संगम स्वराज, अखिलेश चौबे, कुंदन कुमार सिंह, साकेत रंजन, विनीता कुमारी, प्रमोद रंजन दास गुप्ता , दीपक कुमार रवि ,धीरेंद्र कुमार, नीतीश यादव, नेहा कुमारी ,निलेश कुमार रजक, शैलेंद्र कुमार पांडेय समेत सैकड़ों पीएलभी मौजूद थे।