पलामू: मेदिनीनगर गिरफ्तारी के बाद पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान आरोपी अपने वकील से सलाह ले सकता है। कानूनी सहायता पाने का अधिकार आरोपी को है। उक्त बातें लीगल एड डिफेंस काउंसिल के चीफ अमिताभ चन्द सिंह ने कहीं ।वे गुरुवार को जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में डालसा के नेतृत्व में नव चयनित 155 पारा लीगल वॉलिंटियर्स के ओरिएंटेशन व ट्रेनिंग कार्यक्रम में दूसरे दिन बतौर रिसोर्स पर्सन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पारा लीगल वॉलिंटियर्स के ओरिएंटेशन व कार्य- कर्तव्य के बारे में पूरी जानकारी दी। कहा कि जो व्यक्ति वकील रखने व कोर्ट फीस देने में सक्षम नहीं हैं, वैसे लोगों को डीएलएसए मदद करेगा। इस मौके पर मध्यस्थ शशि भूषण ने कहा कि डीएलएसए में किसी भी तरह का न्याय पाने में एक पैसे खर्च नहीं होते हैं। पीएलभी यह ध्यान रखेंगे कि जरूरतमंदों का एक पैसे खर्च नहीं हो। कहा कि पीड़िता को आर्थिक सहायता भी प्रदान किए जाते हैं। कहा कि सरकार की सारी लाभकारी योजनाओं को जरूरतमंदों को लाभ दिलाने में पीएलभी सक्रियता से काम करेंगे।उन्होंने कहा कि पी एल भी ख़ुद मध्यस्थ बनकर छोटे-छोटे झगड़े गांव पंचायत में निपटाने का कार्य करे। उन्होने कहा कि पीएलभी मध्यस्थता के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा मामले निस्तारण कराने के लिए लोगो को प्रेरित करेंगे तो अदालत पर भी मुकदमे का बोझ कम होगा।साथ ही दोनों पक्ष में बैमनस्ता सदा सर्वदा के लिए मिट जाएगा। इस मौके पर लीगल ए डिफेंस काउंसिल के डिप्टी चीफ संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा प्रत्येक महीने के अंतिम शनिवार को लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। जिसमें सुलह समझौते के आधार पर अधिक से अधिक मामले निपटाए जाते हैं ।उन्होंने विक्टिम कम्पनशेषन ,चलंत लोक अदालत व विधिक जागरूकता शिविर,व एल ए डी सी के कार्यप्रणाली पर बिस्तार से बताया।उन्होंने रेवेन्यू लॉ, सोशल वेलफेयर ,कंज्यूमर प्रोटक्शन लॉ के अलावे आरोपी व्यक्ति को क्या कानूनी अधिकार है के बारे में विस्तार से जानकारी दी ।उन्होंने कहा कि आरोपी व्यक्ति को सुनवाई में उपस्थित होने और उसे अदालत में अपनी बात रखने का अधिकार है। साथ ही स्वतंत्र निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार आर्टिकल 14 और 21 में प्रदान किया गया है ।उन्होंने कहा कि आरोपी को जूम जानने का अधिकार है ।अगर बगैर वारंट के पुलिस गिरफ्तार करती है तो गिरफ्तारी के वक्त आरोपी को यह जानने का अधिकार है कि उसे किस जुर्म में गिरफ्तार किया जा रहा है ।साथ ही किसी भी महिला को महिला पुलिस के द्वारा ही गिरफ्तार किया जा सकता है । सूर्यास्त के बाद वे सूर्योदय के पूर्ब किसी महिला को बिना बिशेष परिस्थिति के गिरफ्तार नही किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सात साल से कम सजा वाले केस में पुलिस को गिरफ्तारी के पूर्व 41 ए का नोटिस देना जरूरी है ।उन्होंने कहा कि पीएलभी को यह कार्य को चुनौती के रूप में लेना होगा ।उन्होंने कहा कि हमें उस घर तक जाना है जहां सदियों से अंधेरा है उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का सोच समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच कर जरूरतमंदों को न्याय पहुंचना था। आज पीएलभी भी गरीबों तक पहुंच कर उन्हें मदद करने का काम करेंगे। मौके पर डालसा के कार्यालय प्रमुख संजीव कुमार सिंह नव चयनित पीएलभी में प्रमोद कुमार शुक्ला, महेन्द नाथ सिंह, ,उर्मिला मिश्रा, अनिता मिंज,मुकेश मुंडा, सुखाड़ि मिंज,सूचित कुमार ,ऋषि कुमार ,बसंती देवी,शैल शिखा,नीकु पाठक ,संगम स्वराज, अखिलेश चौबे, कुंदन कुमार सिंह, साकेत रंजन, विनीता कुमारी,प्रमोद रंजन दास गुप्ता,समेत सैकड़ो पीएलभी,मौजूद थे।