इस घटना से राज्य में चिकित्सा व्यवस्था की पोल खुल गई गया।वहीं जच्चा बच्चा के मौत से ग्रामीणों में काफी रोष है।राज्य में अभी भी ऐसे इलाके है जहां लोगों को सुविधा पहुँचाने में सरकार असफल है।
मिली जानकारी के अनुसार गिरिडीह जिले में चिकित्सा व्यवस्था की पोल एक बार फिर खुल गई है।यह इलाका भाजपा विधायक दल के नेता और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के गृह प्रखंड तिसरी के मंडेसर पहाड़ पर बसे लक्ष्मीबथान गांव का मामला है। जहां एक गर्भवती आदिवासी महिला सूरजी मरांडी ने खटिया से अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में एक नवजात को जन्म दिया। अस्पताल पहुंचने के पहले नवजात की मौत हो गई जबकि गावां राजकीय अस्पताल में तत्काल चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने के कारण महिला की भी मौत हो गई। महिला को परिजन जब खटिया पर लेकर गावां अस्पताल पहुंचे, उस वक्त वहां कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था। इलाज के अभाव में महिला ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। यह घटना शुक्रवार की शाम की है।
सड़क नहीं होने से गांव में नहीं पहुँच सकी एम्बुलेंस
ग्रामीणों ने कहा गांव में सड़क नहीं होने के कारण पाँच किलोमीटर खाट पर ले गए अस्पताल। इसी बीच रास्ते मे गर्भवती महिला की हालत गम्भीर बनी हुई थी।
कुछ दूरी पर ही सड़क पर बच्चे को जन्म दी।खाट पर लेकर आनन फानन अस्पताल पहुँचे लेकिन अस्पताल में कोई नहीं था।इलाज नहीं हो पाने पर महिला की मौत हो गई।जबकि बच्चे की रास्ते मे ही मौत हो गई थी।इधर चिकित्सा पर प्रभारी ने कहा चिकित्सक अस्पताल नही थे इसको लेकर स्पष्टिकरण पूछा जाएगा।वहीं उन्होंने कहा अस्पताल पहुंचने से पहले जच्चा बच्चा की मौत हो चुकी थी।