एमएमसीएच में 24 घंटे के बाद भी नहीं निकली गोली, रेफर के बाद हंगामा

पलामू: मेदिनीनगर सदर अस्पताल से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में परिवर्तित होने पर मेदनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल का नाम तो बड़ा हो गया है। लेकिन यहां की इलाज सुविधा भगवान भरोसे ही रहती है।

इसकी एक बानगी गुरुवार को देखने को मिली। गोली लगने से जख्मी महिला मरीज का 24 घंटे बाद भी ऑपरेशन नहीं किया जा सका। नतीजा गोली नहीं निकल पायी। अंतत: मरीज की गंभीर स्थिति का हवाला देकर रांची रेफर कर दिया गया।

हद तो तब हो गयी, जब रेफर करने के बाद मरीज के परिजनों को ढाई घंटे तक सरकारी एंबुलेंस की सुविधा नहीं मुहैया करायी गयी, अंतत: मरीज के परिजनों ने उसे इलाज के लिए एमएमसीएच में भर्ती किया गया था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में 24 घंटे तक मरीज को रोके रखा गया। अगर सुविधा नहीं थी तो तत्काल रेफर कर देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। गुरुवार दोपहर तक गोली नहीं निकाली गई पूछने पर डॉक्टरों ने कोई जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा दिनभर भटकते रहे। 

अंततः दोपहर 2:00 बजे मरीज को रेफर किया गया 2 घंटे तक एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं दी गई बिगड़ने पर 5:00 बजे एंबुलेंस दिया गया महिला के पति संतोष ने कहा कि अस्पताल में ऑपरेशन सुविधा अगर नहीं थी तो बुधवार को ही मरीज को रेफर कर दिया जाता तो अब तक रांची में उसका ऑपरेशन हो गया होता लेकिन मामले को लटकाया रखा गया मरीज की स्थिति जब हंगामा शुरू किया तो 5:00 बजे सरकारी एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराई गयी। तब मरीज को रांची ले जा सका। बताते चलें कि बुधवार की सुबह जिला मुख्यालय से सटे सदर थाना क्षेत्र के चियांकी के पीपर-बखारी में माइंस विवाद में हुई फायरिंग मैं संतोष साव की पत्नी जयंती देवी के जांघ में गोली लग गयी थी। महिला इसी गांव की रहने वाली है।

लटकाए रखा गया मरीज की स्थिति जब खराब होने लगे तो आनन-फानन में रांची ले जाने के लिए दबाव दिया गया है जिस तरह फेकाफेकी वाली व्यवस्था से उससे यही कहेंगे कि अगर गरीब नहीं होते तो सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए नहीं आते। 
इधर टीओपी प्रभारी रेवा शंकर राणा ने बताया कि गोली लगने से जख्मी महिला मरीज के परिजनों द्वारा हंगामा किए जाने की सूचना मिलने पर एमएमसीएच पंहुचे फिर मामले को शांत कराया शाम करें 4:45 बजे एंबुलेंस का प्रबंध होने पर मरीज को रांची रिम्स भेजा गया।

Post a Comment

Previous Post Next Post