अस्पताल के तहखाने में कैद मिली प्रसूतानहीं करूंगा ऐसी लापरवाही बर्दाश्त: डीसी

गढ़वा थाना क्षेत्र के बघमनवां में अवैध रुप से संचालित लाइफ केयर हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में मंगलवार को छापेमारी हुई,गढ़वा के अनुमंडल पदाधिकारी राज महेश्वरम, सिविल सर्जन अनिल कुमार सिंह व स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम प्रवीण कुमार सिंह द्वारा लाइफ केयर हास्पिटल की छापेमारी के दौरान तहखाने में मरीज को रखकर इलाज करने का मामला सामने आया,डंडई थाना क्षेत्र के रारो गांव निवासी समाजदेव प्रजापति की पत्नी देवंती देवी का ऑपरेशन कर पांच सिंतबर को प्रसव कराया गया था,मरीज को एक स्वास्थ्य सहिया के माध्यम से उक्त हास्पिटल में लाया गया था,जहां ऑपरेशन कर मरा हुआ बच्चा निकाला गया था,इसके पश्चात उसे हास्पिटल के पिछले हिस्से मेें तहखाने में रख दिया गया था और बाहर से ताला बंद था,सामान्य परिस्थिति में कोई भी उक्त कैंपस को बंद ही समझता था,लेकिन उपायुक्त रमेश घोलप को मिली गुप्त सूचना के बाद एसडीओ व सिविल सर्जन के संयुक्त नेतृत्व में गए छापेमारी दल ने ताला खोलवाकर तहखाने में पहुंचे तो उसमें मरीज व उसके स्वजन बंद मिले,पूछताछ के क्रम में मरीज के स्वजनों ने छापेमारी दल को पूरी जानकारी दी,बताते चलें कि हास्पिटल संचालक वकील अंसारी व अनिश अंसारी छापेमारी की भनक लगते ही वहां से भाग खड़े हुए,छापेमारी दल को हास्पिटल में साबिर अंसारी व राजकुमार चौधरी नामक दो स्टाफ मिले,पूछताछ के क्रम में उनदोनों स्टाफ ने छापेमारी दल को पहले तो यह कहकर भरमाने की भरपूर कोशिश किया कि यहां सिजेरियन नहीं होता है,सिर्फ ओपीडी ही चलता है,लेकिन पक्की सूचना पर पहुंचे छापेमारी दल ने तहखाने को खुलवा कर उसमें बंद मरीज व उसके स्वजनों को वहां से निकाला और प्रसूता को सदर अस्पताल में शिफ्ट करा दिया,मौके पर एसडीओ राज महेश्वरम ने बताया कि उपायुक्त के निर्देश पर लाइफ केयर हास्पिटल में छापेमारी की गई,संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।

 मिले हैं कई चौंकाने वाले तथ्य:- लाइफ केयर हास्पिटल के छापेमारी के दौरान निजी अस्पतालों व स्वास्थ्य सहिया कनेक्शन की बात एक बार फिर सामने आई है,छापेमारी में मिले एक डायरी में सहिया का नास्ता कराने में खर्च रकम का भी उल्लेख है,जबकि मेज की दराज व ओपीडी कक्ष आदि में कई तरह की दवाएं भी मिली हैं,कई एक्सपायर दवा भी मिली है,वहीं हास्पिटल में सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा था,जबकि एक बोर्ड पर यह लिखा हुआ था कि आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं,बताते चलें कि उपायुक्त ने मां गढ़देवी हास्पिटल में छापेमारी के बाद निजी अस्पताल संचालकों को अपने यहां सीसीटीवी कैमरा लगाने समेत कई निर्देश दिए थे,सीसीटीवी कैमरा रहने पर सिजेरियन के लिए आनेवाले चिकित्सक व हास्पिटल में आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के बारे में पूरी सूचना कैद रहती,छापेमारी दल ने हास्पिटल के ओटी कक्ष,मरीजों के वार्ड आदि की भी जांच की और हास्पिटल सील कर दिया।

हास्पिटल के बगल में तहखाने में संचालित किया जा रहा था जांच केंद्र:- लाइफ केयर हास्पिटल के सटे उसी भवन के तहखाने में एक जांच केंद्र का संचालन किया जा रहा था,उक्त जांच केंद्र का रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया गया था,छापेमारी दल ने उसे भी सील कर दिया,जबकि जांच केंद्र के संचालक ने कहा कि उसका लाइफ केयर हास्पिटल से कोई कनेक्शन नहीं है,वह अलग से अपना कारोबार चला रहा है।

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