पूर्व आईपीएस अधिकारी संजय रंजन सिंह के चुनाव लड़ने की अटकलें, क्षेत्र में बदलाव की बात पर जोर


पलामू: हुसैनाबाद हरिहरगंज विधानसभा क्षेत्र में मूलभूत समस्याओं से जूझते लोगों की दशा और दिशा बदलने की मांग को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी संजय रंजन सिंह ने अपनी आवाज बुलंद की है। चिकित्सा, शिक्षा, सिंचाई, पेयजल, बिजली, और सड़कों की घोर कमी से प्रभावित इस क्षेत्र में व्यापक सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए, संजय रंजन सिंह ने गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत की। उन्होंने कहा कि जबकि देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और आधुनिकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, हुसैनाबाद हरिहरगंज विधानसभा क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। संजय रंजन सिंह ने कहा, "चिकित्सा, शिक्षा और सिंचाई जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर काम करने की जरूरत है। इसके लिए बुद्धिजीवी वर्ग को एकजुट होकर राजनीतिक दृष्टिकोण बदलना होगा। यह लड़ाई संगठित होकर ही लड़ी जा सकती है।" जब उनसे चुनाव लड़ने के बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वह आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव और प्रवक्ता हैं, और चुनाव लड़ना उनकी मजबूरी या प्राथमिकता नहीं है। "मैं भाजपा एनडीए गठबंधन से हूं, और जो नेतृत्व का आदेश होगा, वह अभी मेरे पास नहीं है। परंतु समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों की जिम्मेदारी है कि वे क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाएं, और इसके लिए एकजुटता ही एकमात्र उपाय है।" संजय रंजन सिंह, पलामू जिले के छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के निवासी और एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने संयुक्त बिहार के विभिन्न पुलिस पदों पर सेवाएं दीं। वर्ष 2009 में उन्हें डीआईजी के पद पर नियुक्त किया गया था।
  कोरोना महामारी के दौरान संजय रंजन सिंह ने सामाजिक मुद्दों पर एक हिंदी फीचर फिल्म 'थ्री सिस्टर एंड ए ड्रीम' का निर्माण किया था, जिसमें दो बेटियों की प्रेरणादायक कहानी को दर्शाया गया है। इस फिल्म की स्क्रीनिंग भाजपा नेता एवं राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश द्वारा की गई थी। इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियां, जिनमें संजय रंजन सिंह, देव कुमार धान, शशि भूषण प्रसाद, अशुतोष द्विवेदी, राजीव रंजन, आनंद पांडेय, रोहन देव पाठक, अवनिश भारद्वाज और रिया जुनी शामिल थे जो मौजूद थे। कोविड-19 के दौरान केंद्र और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस का पालन करते हुए इस फिल्म की स्क्रीनिंग की गई थी। संजय रंजन सिंह की इस फिल्म ने समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके सपनों की ओर जागरूकता लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास किया।

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